मध्य भारत शिक्षा समिति द्वारा संचालित माधव विधि महाविद्यालय ग्वालियर में आज दिनांक 16 नवंबर 2022 को संविदा के सामान्य सिद्धांत विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य वक्ता के तौर पर महारानी लक्ष्मीबाई महाविद्यालय की विधि विषय की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अंजुली शर्मा रही। डॉ शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि संविदा के सृजन के लिए कुछ स्टेप पूर्ण किए जाना आवश्यक है उन स्टेप्स को पूर्ण किए बिना संविदा का सृजन नहीं हो सकता उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति को प्रस्थापना करनी होगी किसी बात को करने या व्रत रहने की दूसरे को प्रति ग्रहण करना होगा प्रस्थापना प्रतिगृहित होने पर वचन बनेगी जब वचन में प्रतिफल मिलाएंगे तो वह करार बनेगा और जब करार विधि द्वारा प्रवर्तनीय होगा तब वो संविदा बनेगी उन्होंने कहा संविदा शून्य तब होती है जब वह विधि द्वारा प्रवर्तनीय नहीं रह जाती इसके अतिरिक्त संविदा तब शून्यकर्णीय होती है जब पक्षकार की सहमति स्वतंत्र ना हो करार के लिए।
उन्होंने कई न्यायिक दृष्टिकोण का हवाला देते हुए बताया कि समय संविदा का सार होता है तब क्या होगा समय पर संविदा पूरी ना होने पर संविदा शून्यकरणीय होगी इसके अतिरिक्त उन्होंने असंभवता का सिद्धांत भी समझाया।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. नीति पांडे ने संविदा भंग कब होती है संविदा के भंग पर पक्षकार को क्या-क्या उपचार प्राप्त है इत्यादि के विषय में जानकारी दी।
कार्यक्रम की संयोजक बीए.एल.एल.बी. डिपार्टमेंट की हेड श्रीमती सुषमा सिंह जी थी कार्यक्रम का संचालन रोली श्रीवास्तव जी ने किया।